5 अप्रैल 2015

अजीम प्रेमजी, सुभाष घई के जरिए उदार चेहरा दिखाना चाहता है आरएसएस

संघ प्रमुख मोहन भागवत के मदर टेरेसा द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए सामाजिक कार्य किए जाने के बयान की चारों ओर हुई तीखी आलोचना के बाद आरएसएस अब इसे बैलेंस करने के लिए कुछ उदारवादी चेहरा पेश करने की जुगत में दिख रहा है।
यह पहल दिल्ली के बाहरी इलाके में हो रहे संघ तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेवा संगम कार्यक्रम में देखी जा सकती है। कार्यक्रम की खास बात यह है कि इसके उद्घाटन सत्र में देश के दिग्गज उद्योगपति अजीम प्रेमजी और जीएम राव के अलावा फिल्म निर्माता सुभाष घई के भी मुख्य अतिथि के तौर पर आने की संभावना है। इन तीन लोगों को मंच पर पेश करके संघ यह दिखाना चाहता है कि वह अब कट्टर हिंदूवाद के युग से निकल कर उदारवाद की ओर कदम बढ़ा रहा है। कार्यक्रम के जरिए आरएसएस अपने और अपने सहायक संगठनों के सेवा कार्यों को समाज के सामने रखते हुए यह जताने की कोशिश करेगा कि भारत में सामाजिक कार्य विदेशी मिशनरियों की देन नहीं है, बल्कि दूसरे संगठन भी इस क्षेत्र में बिना किसी लोभ के काफी काम कर रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता माता अमृतानंदमयी और संघ प्रमुख मोहन भागवत करेंगे। संघ का यह आयोजन चार साल बाद कर रहा है और इस बार यह काफी बड़े स्तर पर किया जा रहा है। कार्यक्रम में 836 संगठनों से जुड़े चार हजार प्रतिनिधि इसमें भाग ले रहे हैं।

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