6 अप्रैल 2015

आरएसएस के मंसूबों पर प्रेमजी ने फेर दिया पानी

 देश के बड़े उद्योग पतियों में शुमार सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेम जी ने उनके चेहरे को अपने इमेज मोडिफिकेशन के लिए इस्तेमाल करने के आरएसएस के मंसूबे परकॉरपोरेट अंदाज में पानी फेर दिया है। दरअसरल संघ अजीम प्रेमजी जैसे साफ-सुथरी छवि और परोपकार के कामों से जुड़े उद्योग पति को अपने मंच पर खड़ा करके अपनाएक उदारवादी चेहरा पेश करने की जुगत में था। पर प्रेमजी की बातों से आरएसएस के मंसूबों पर पानी फिर गया। विप्रो प्रमुख प्रेमजी ने संघ से जुड़े राष्ट्रीय सेवा भारती के शुरू हुए ‘राष्ट्रीय सेवा संगम’ नामक तीन दिवसीय सम्मेलन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ मंच तो साझा किया, पर साथ ही स्पष्ट कर दिया कि किसी के मंच को साझा करने का मतलब उसकी विचारधारा को स्वीकारना नहीं है।
अपने संबोधन में प्रेमजी ने कहा कि भागवतजी ने जब मुझे यहां आने का निमंत्रण दिया, तो लोगों ने आशंका जताई कि यहां मेरा आना संघ की विचारधारा स्वीकार करना माना जाएगा। हालांकि मैंने यह राय नहीं मानी। मेरा मानना है कि किसी का मंच साझा करना उसकी विचारधारा को पूर्णत: स्वीकार करना नहीं है।
प्रेमजी ने कहा कि संघ के समाज सेवी संगठनों ने महान कार्य किए हैं और वह उसका सम्मान करते हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार से हर स्तर पर लड़ने और महिलाओं, बच्चों तथा वंचित लोगों के लिए उत्थान के लिए काम करने का आह्वान किया। उन्होंने भारत में शिक्षा का बजट बहुत कम होने पर निराशा भी जताई। गौरतलब ‌है कि इस कार्यक्रम में प्रेमजी के अलावा जीएमआर समूह के जीएम राव और एस्सेल ग्रुप के प्रमुख सुभाष चन्द्रा ने भी मंच साझा किया।

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